National Park : खूब भा रहे एमपी के नेशनल पार्क और सैंक्चुअरी, एक साल में आए 27 लाख पर्यटक, 54 करोड़ आमदनी
National Park : MP's National Park and Sanctuary are very popular, 27 lakh tourists came in a year, 54 crore income
National Park : (भोपाल)। वन मंत्री डॉ. विजय शाह ने बताया कि प्रदेश में बाघों और वन्य-प्राणियों के उत्कृष्ट प्रबंधन के फलस्वरूप वन्य-प्राणियों को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। पर्यटन वर्ष 2022-23 में 26 लाख 91 हजार 797 पर्यटकों ने राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्यों का भ्रमण किया।
टाइगर रिजर्व में कुल 11लाख 74 हजार 405 पयर्टकों ने भ्रमण किया। इनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या 55 हजार 773 है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सर्वाधिक 20 हजार 591 विदेशी पर्यटकों ने भ्रमण किया। खास तौर से “बफर में सफर” के प्रति पर्यटकों का आकर्षण तेजी से बढ़ा है।
मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि पर्यटन से प्राप्त आय (गेट मनी) 9 करोड़ से बढ़कर वर्तमान में लगभग 54 करोड़ रूपये हो गई है। संरक्षित क्षेत्रों (टाइगर रिजर्व और अभयारण्यों) में पर्यटन से प्राप्त आय की एक तिहाई राशि संरक्षित क्षेत्रों में आने वाले ईको विकास समितियों को उपलब्ध कराई जाती हैं।
मध्यप्रदेश में स्थित राष्ट्रीय उद्यान
∆ कान्हा राष्ट्रीय उद्यान : कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश राज्य का सबसे बड़ा एवं सबसे पहला राष्ट्रीय उद्यान है। यह राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश राज्य के मंडला और बालाघाट जिले के 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान को सन 1933 में वन्यजीव अभयारण्य एवं सन 1955 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। इस राष्ट्रीय उद्यान को सन 1974 में बाघ परियोजना (Project Tiger) के तहत टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित किया गया।
∆ माधव राष्ट्रीय उद्यान : यह राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश राज्य के शिवपुरी जिले में स्थित है। इसकी स्थापना 1958 में की गई थी। यह राष्ट्रीय उद्यान 375 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
∆ बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान : यह राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के उमरिया और कटनी जिले में लगभग 449 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1968 में की गई थी। जबकि 1993 में इस राष्ट्रीय उद्यान को बाघ परियोजना के तहत टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। इस राष्ट्रीय उद्यान में सफेद शेर पाया जाता हैं।
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∆ फॉसिल जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान : फॉसिल जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश राज्य का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है जो मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में स्थित है। इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1968 में की गई थी तथा इस राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल 0.27 वर्ग किलोमीटर है।
∆ पेंच राष्ट्रीय उद्यान : यह राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और सिवनी जिले में स्थित है। साथ ही यह राष्ट्रीय उद्यान महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भी फैला हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान का कुल क्षेत्रफल 293 वर्ग किलोमीटर है। इस उद्यान के बीच से बहने वाली पेंच नदी के नाम पर इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम रखा गया है। इसी राष्ट्रीय उद्यान में प्रसिद्ध मोगली द्वीप स्थित है। इस राष्ट्रीय उद्यान में सर्वाधिक संख्या में कृष्ण मृग पाए जाते हैं। इसे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से भी जाना जाता है।
∆ वन विहार राष्ट्रीय उद्यान : वन विहार राष्ट्रीय उद्यान प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान है। इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1979 में की गई थी। इसका क्षेत्रफल लगभग 4.45 वर्ग किलोमीटर है।
∆ पन्ना राष्ट्रीय उद्यान : यह राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के छतरपुर और पन्ना जिले में 543 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 में की गई थी। बाघ परियोजना के तहत 1984 में इस राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया।
∆ संजय राष्ट्रीय उद्यान : संजय राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के सीधी जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान है। इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1981 में की गई थी। यह 467 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
∆ सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान : सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित है। इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1983 में की गई थी। यह राष्ट्रीय उद्यान 525 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान में अधिक संख्या में कृष्ण मृग पाए जाते हैं। कृष्ण मृग या काला हिरण, हिरणों की एक प्रजाति है जिसे ‘भारतीय एलीफेंट‘ भी कहा जाता है।
∆ ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान : ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 2004 में की गई थी। यह 293 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
∆ डायनासोर जीवाश्म उद्यान : यह राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित है। इसकी स्थापना 2010 में की गई थी। इसका कुल क्षेत्रफल 0.89 वर्ग किलोमीटर है।
∆ कूनो राष्ट्रीय उद्यान : यह राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश का 12 वां राष्ट्रीय उद्यान है। इसकी स्थापना वर्ष 2018 में की गई थी तथा यह राष्ट्रीय उद्यान लगभग 750 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
ईको विकास समितियों को 19 करोड़ जारी (National Park)
पाँच वर्षों में इन ईको विकास समितियों को पर्यटन आय से लगभग 19 करोड़ रूपये दिये गये। समितियों द्वारा प्राप्त राशि का उपयोग ग्राम सभा के निर्णय अनुसार ग्राम विकास और युवक-युवतियों के कौशल उन्नयन आदि में किया गया है। इससे ग्रामीणों और ग्रामीण युवाओं की वनों पर निर्भरता कम हुई है।