Sim Card New Rule : अब मोबाइल से धोखाधड़ी आसान नहीं, फर्जी नाम से नहीं ले सकेंगे सिम, सरकार ने उठाए यह कदम

Sim Card New Rule: Now fraud with mobile is not easy, SIM will not be able to be taken with fake name, government has taken this step

Sim Card New Rule : अब मोबाइल से धोखाधड़ी आसान नहीं, फर्जी नाम से नहीं ले सकेंगे सिम, सरकार ने उठाए यह कदमSim Card New Rule : (नई दिल्ली)। मोबाइल के जरिए आर्थिक धोखाधड़ी और अन्य तरह के अपराध काफी बढ़ चुके हैं। कई लोग इसमें अपने जीवन भर की कमाई गवां देते हैं वहीं तमाम शिकायतों के बाद भी उन्हें यह राशि नहीं मिल पाती है। इसी तरह कई लोग मोबाइल के जरिए ही आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते रहते हैं। इसके बावजूद पकड़ में नहीं आते हैं। इसकी वजह यही होती है कि सिम होती किसी के नाम है और उसका इस्तेमाल कोई और कर रहा होता है। ऐसी गतिविधियों पर पूरी तरह लगाम लगाने अब भारत सरकार ने कमर कस ली है। इसके लिए ऐसे महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनसे ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लग सकेगा।

दरअसल, भारत सरकार ने सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण के सर्वोच्च मानदंडों को बरकरार रखते हुये डिजिटल समावेशी समाज को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को मजबूती देते हुये दूरसंचार, रेलवे और इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को उपभोक्ता सुरक्षा को बेहतर बनाने और डिजिटल बदलाव की दिशा में दो सुधारों की शुरुआत की है। यह हैं केवाईसी रिफार्म और पांइट आफ सेल (पीओएस) पंजीकरण सुधार।

ये दोनों सुधार इससे पहले संचार साथी के साथ शुरू किये गये सुधारों की दिशा में ही आगे बढ़ाये गये हैं। एक नागरिक केन्द्रित पोर्टल शुरू किया गया जिसमें साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी की बुराई के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूती देने का प्रयास किया गया था।

पाइंट आफ सेल (पीओएस) पंजीकरण सुधार (Sim Card New Rule)

इस सुधार में लाइसेंस धारक द्वारा फ्रेंजाइजी, एजेंट और वितरकों (पीओएस) के अनिवार्य पंजीकरण की शुरुआत की गई। इससे ठगी करने वाले पीओएस हटाने में मदद मिलेगी, ऐसे पीओएस जो कि धोखाधड़ी के हथकंडे अपनाकर असामाजिक/राष्ट्र-विरोधी तत्वों को मोबाइल सिम जारी कर देते हैं।

वहीं पीओएस पंजीकरण प्रक्रिया में लाइसेंसधारक द्वारा पीओएस का निर्विवाद सत्यापन शामिल है। इस प्रक्रिया के जरिये पीओएस और लाइसेंसधारक के बीच लिखित समझौता अनिवार्य बना दिया गया है। ऐसे में कोई भी पीओएस यदि किसी अवैध गतिविधि में लिप्त होता है तो उसे बंद कर दिया जायेगा साथ ही तीन वर्ष के लिये उसे काली सूची में डाल दिया जायेगा। इस प्रक्रिया के तहत लाइसेंसधारक द्वारा सभी मौजूदा पीओएस को 12 माह में पंजीकृत कराया जायेगा।

इससे लाइसेंसधारी प्रणाली से धोखाधड़ी और ठगी करने वाले पीओएस की पहचान करने, उन्हें कालीसूची में डालने और कारोबार से हटाने में मदद मिलेगी दूसरी तरफ सही काम करने वाले पीओएस को प्रोत्साहन मिलेगा।

केवाईसी प्रक्रिया को बनाया जाएगा और मजबूत (Sim Card New Rule)

केवाईसी यानी अपने ग्राहक को जानो एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि ग्राहक की अलग तरीके से पहचान करता है और उसे दूरसंचार सेवायें देने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेता है। मौजूदा केवाईसी प्रक्रिया को और मजबूत बनाना दूरसंचार ग्राहकों को किसी भी संभावित धोखाधड़ी से बचाने का एक साधन मात्र है ताकि डिजिटल कारोबार के समूचे तंत्र में आम जनता का विश्वास और मजबूत हो सके।

प्रिंट किये आधार के दुरूपयोग को रोकने के लिये प्रिंट आधार के क्यूआर कोड की स्कैनिंग कर अनिवार्य तौर पर उसका जनसांख्यिकीय ब्यौरा लिया जायेगा। इसमें यदि मोबाइल नंबर बंद कर दिया जाता है तो इसे 90 दिन की समाप्ति से पहले किसी नये ग्राहक को आवंटित नहीं किया जायेगा। ग्राहक को अपने सिम को बदलने के लिये पूरा केवाईसी ब्यौरा देना होगा और उसमें आउगोइंग और इनकमिंग एसएमएस सुविधा पर 24 घंटे की रोक होगी।

आधार ई-केवाईसी प्रक्रिया में अंगूठे के निशान और आंखों की पुतली के सत्यापन के साथ ही अब चेहरे की पहचान पर आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन की भी मंजूरी दी गई है।

उद्यमों, इकाइयों (उदाहरण के तौर पर कंपनियों, संगठनों, ट्रस्ट, सोसायटी आदि) को मोबाइल कनेक्शन जारी करने के लिये बिजनेस कनेक्शन की शुरुआत। इकाइयां कितनी भी संख्या में मोबाइल कनेक्शन ले सकतीं हैं बशर्ते कि वह उनका इस्तेमाल करने वालों की पूरी केवाईसी उपलब्ध करायें। मोबाइल सिम उनका इस्तेमाल करने वालों की सफल केवाईसी होने और व्यवसाय परिसर/कार्यालय पते का भौतिक सत्यापन होने के बाद ही चालू होगा।

दूरसंचार विभाग ने इन परिवर्तनकारी सुधारों को पेश कर देश के नागरिकों के हितों की रक्षा की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है। ऐसे ठोस और व्यापक उपायों के जरिये विभाग का उद्देश्य ग्राहकों की सुरक्षा को चाकचैबंद करना और दूरसंचार धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे के समक्ष सुरक्षा को मजबूत बनाना है। सतर्क निगरानी के साथ ही अत्याधुनिक तकनीक को जोड़कर विभाग ने दूरसंचार क्षेत्र में उच्चस्तरीय सुरक्षा और विश्वास को बढ़ावा देने का प्रयास किया है ताकि सभी को एक सुरक्षित और विश्वसनीय दूरसंचार परिवेश उपलब्ध कराया जा सके।

संचार साथी पोर्टल की यह उपलब्धियां

मोबाइल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिये विश्व दूरसंचार दिवस (17 मई 2023) पर ‘संचार साथी’ पोर्टल शुरू किया गया था। संचार साथी’ पोर्टल मोबाइल ग्राहकों को निम्न क्षेत्रों में सशक्त बनाता है। जैसे उनके नाम पर पंजीकृत मोबाइल कनेक्‍शन का पता लगाना, उनके नाम पर धोखाधड़ी से पंजीकृत कनेक्शन, यदि कोई हो, तो उसकी जानकारी देना और चोरी/खोए हुये मोबाइल हैंडसेट की रिपोर्ट करें तथा उन्हें ब्लॉक करना।

52 लाख से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन बंद किए

संचार साथी’ पोर्टल और एएसटीआर टूल की मदद से लगभीग 114 करोड़ सक्रिय मोबाइल कनेक्शन का विश्लेषण किया गया है। उसका परिणाम है कि-

• 66 लाख से अधिक संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनों का पता लगाया गया।

• दोबारा सत्यापन न होने पर 52 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन काटा दिये गये हैं।
• 67,000 से अधिक पीओएस को काली सूची में डाल दिया गया है।

• करीब 17,000 मोबाइल हैंडसेट बंद/ब्लाक कर दिये गये हैं।

• 1,700 से अधिक पीओएस के खिलाफ 300 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं।

• 66,000 से ज्यादा व्हाट्सएप अकाउंट ब्लाक किये गये हैं।

• जालसाजों द्वारा इस्तेमाल किये गये लगभग आठ लाख बैंक/वॉलेट खाते फ्रीज कर दिये गये हैं।

• धोखाधडी से उनके नाम पर पंजीकृत मोबाइल कनेक्शन के बारे में लगभग 18 लाख ग्राहकों की शिकायतों में से 9.26 लाख शिकायतों का समाधान किया गया है।

• चोरी/खोए मोबाइल हैंडसेट की 7.5 लाख शिकायतों मे से तीन लाख मोबाइल हैंडसेट का पता लगा लिया गया है

• जनवरी 2022 से 114 अवैध दूरसंचार केन्द्रों का पता चला और एलईए द्वारा कार्रवाई की गई।

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