PM-ebus service : देश के 169 शहरों में चलाई जाएंगी 10 हजार ई-बसें, मोदी सरकार ने दी मंजूरी, इन शहरों को मिलेगी सुविधा
PM-ebus service: 10 thousand e-buses will be run in 169 cities of the country, Modi government has given approval, these cities will get facility
PM-ebus service : (नई दिल्ली)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर सिटी बस संचालन के विस्तार के लिए एक बस योजना “पीएम-ईबस सेवा” को मंजूरी दे दी है, जिसके माध्यम से 10,000 ई-बसें चलाई जाएंगी। इस योजना की अनुमानित लागत 57,613 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 20,000 करोड़ रुपये का समर्थन केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। यह योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी।
पहुंच से वंचित तक पहुंच बनाना(PM-ebus service)
यह योजना 2011 की जनगणना के अनुसार तीन लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी, जिसमें केंद्रशासित प्रदेशों, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और पर्वतीय राज्यों की सभी राजधानी शामिल हैं। इस योजना के तहत उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां कोई सुव्यवस्थित बस सेवा उपलब्ध नहीं है।
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प्रत्यक्ष रोजगार सृजन
इस योजना के तहत, सिटी बस संचालन में लगभग 10,000 बसें चलाई जाएंगी, जिससे 45,000 से 55,000 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।
योजना के दो खंड हैं:
खंड ए – सिटी बस सेवाओं का विस्तार: (169 शहर)
स्वीकृत बस योजना के माध्यम से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन का विस्तार किया जाएगा।
इससे जुड़ी बुनियादी संरचना से डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास/उन्नयन के लिए सहायता मिलेगी; और ई-बसों के लिए बिहाइंड द मीटर विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर (सबस्टेशन, आदि) का निर्माण संभव होगा।
खंड बी- ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल (जीयूएमआई): (181 शहर)
इस योजना में बस की प्राथमिकता, बुनियादी सुविधा, मल्टीमॉडल इंटरचेंज सुविधाएं, एनसीएमसी-आधारित स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली, चार्जिंग हेतु बुनियादी सुविधाएं आदि जैसी हरित पहल की परिकल्पना की गई है।
संचालन के लिए सहायता(PM-ebus service)
योजना के तहत, राज्य अथवा नगर इन बस सेवाओं के संचालन और बस ऑपरेटरों को भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होंगे। केंद्र सरकार प्रस्तावित योजना में निर्दिष्ट सीमा तक सब्सिडी प्रदान करके इन बस संचालन का समर्थन करेगी।
ई-मोबिलिटी को बढ़ावा
- यह योजना ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देगी और बिहाइंड द मीटर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए पूर्ण सहायता प्रदान करेगी।
- शहरों को ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल के तहत चार्जिंग सुविधाओं के विकास के लिए भी समर्थन दिया जाएगा।
- बस की प्राथमिकता वाले बुनियादी सुविधाओं के समर्थन से न केवल अत्याधुनिक, ऊर्जा कुशल इलेक्ट्रिक बसों के प्रसार में तेजी आएगी, बल्कि ई-मोबिलिटी क्षेत्र में नवाचार के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सशक्त आपूर्ति श्रृंखला के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
- इस योजना में ई-बसों का समूह तैयार करने को लेकर इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए व्यापक तौर पर अर्थव्यवस्था को भी अनुकूल बनाने की जरूरत होगी।
- इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपनाने से ध्वनि और वायु प्रदूषण कम होगा और कार्बन उत्सर्जन पर अंकुश लगेगा।
- बस-आधारित सार्वजनिक परिवहन की हिस्सेदारी बढ़ने के कारण जो बदलाव आएगा, उससे ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में कमी आएगी।
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