Betul News : स्कूल में भरा रहता है पानी, कैसे पढ़ेंगे नौनिहाल, आंगनवाड़ी के छोटे से कमरे में बैठकर पढ़ना मजबूरी
Betul News: Water is filled in the school, how will the children study, compulsion to sit in the small room of the Anganwadi
कई बार गुहार लगाने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दे रहे जिम्मेदार
Betul News : (बैतूल)। प्रदेश सरकार एक तरफ सर्व शिक्षा अभियान को सफल बनाने के लिए मिड डे मील, विद्यार्थियों को कपड़े व अन्य पाठ्य सामग्री वितरित कर रही है, वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों का हाल बेहाल है। अधिकतर सरकारी स्कूलों में ठीक से बैठने की व्यवस्था तक नहीं हैं। सुविधाओं की कमी के चलते अभिभावक यहां बच्चों को पढ़ने भेजने से कतराते हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार का स्कूल चलो अभियान व सर्वशिक्षा अभियान कितना सफल होगा।
भीमपुर ब्लॉक के अन्तर्गत ग्राम पंचायत कुनखेडी के ग्राम कारीदा के ग्रामीणों ने यहां के सरकारी स्कूलों की बदहाल व्यवस्था को लेकर सरकारी दावों की पोल खोल दी है। श्री रामकृष्ण विवेकानंद सेवा कुटीर-कारीदा के संचालक दिलीप बारस्कर ने बताया कि स्कूल खंडहर में तब्दील हो रहा है, छत भी जर्जर हालत में है, पानी टपक रहा है। मजबूरी में आंगनवाड़ी भवन में स्कूल संचालित किया जा रहा हैं। इस विषय को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई और निवेदन किया, आवेदन दिया लेकिन विगत कई दिनों से शासन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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पढ़ाई को लेकर उत्साहित हैं यहां के बच्चे
ग्रामीणों ने बताया कि भले ही स्कूल भवन नहीं हो लेकिन यहां की शिक्षा व्यवस्था अच्छी है। बच्चों में स्कूल जाने और पढ़ाई को लेकर रुचि है। लेकिन पढ़ने के लिए उचित व्यवस्था नहीं है, शिक्षा प्राप्त करने के लिए व्यवस्थित स्कूल नहीं है। इस कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता नजर आ रहा है। ग्रामीण अंचलों में शिक्षा को लेकर प्रशासन द्वारा कोई गंभीरता नहीं बरती जा रही है। बच्चों के भविष्य को लेकर लापरवाही साफ़ नज़र आ रही है।
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ट्राइबल 5 मिशन के दौरान अधिकारियों ने भी देखी बदहाली
क्षेत्र के जागरूक नागरिक महादेव बेठे ने बताया कि भीमपुर ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाले आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में स्कूलों की हालत बत्तर हो गई है। छत टपक रहा, स्कूल में पानी भरा रहता है। उसके कारण बच्चे शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं है। ट्राइबल 5 मिशन के दौरान ट्राइबल 5 की टीम ने भी स्कूलों की व्यवस्था देखी है। बच्चों ने रो रो कर परेशानियां बताई। हमको पढ़ना है, लेकिन स्कूल में पानी भरा रहता है, पानी टपकता है ऐसे में हम पढ़ नहीं पाते हैं। रामकृष्ण विवेकानंद सेवा कुटीर-कारीदा के संचालक दिलीप बारस्कर ने बताया कि ग्राम कारीदा में स्कूलों की समस्याओं के साथ ही पेयजल संकट है, जिसके चलते महिलाओं को दूर दूर से पानी लेकर आना पड़ता है।
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समाजसेवियों ने लिया स्कूलों की स्थिति का जायजा
करण चढोकर सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि चुनावी माहौल के समय हर कोई वोट के लिए भ्रमित करते हैं, अपना फायदा उठा लेते हैं। चुनाव होने के बाद उस क्षेत्र में कभी नहीं आते हैं। सब अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में लगे रहते हैं और ग्रामीण अंचल के बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिस स्तर में गरीब परिवार रहते हैं उस स्तर में नेता रहे तो समझ आ जाएगा, प्रतिनिधि चुनने के बाद सालों साल नज़र नहीं आते।
भीमपुर क्षेत्र के समाजसेवी डॉ.अलकेश धोटे, करण चढ़ोकार, महादेव बेठे, सुनील लिखितकर, हरीश साल्वे ने स्कूलों में पहुंच कर वहां की परिस्थितियों का निरीक्षण किया। इस दौरान अध्यनरत विद्यार्थी अदिति सूर्यवंशी, तनिष्का सराटे, प्यारी अखण्डे, सीमा पान्से, बाली कास्देकर, बावली कास्देकर, मिनाक्षी ढिकारे, तन्नू सराटे, छाया चौरेकर, शिवराज बारस्कर, मनीष ठाकरे, अभिषेक बारस्कर उमेश धुर्वे मंयक सूर्यवंशी ने बताया कि पढ़ने और बैठने में बहुत समस्याएं होता है। समस्त ग्रामवासियों ने भी समस्याएं बताई और प्रशासन से आग्रह किया कि अतिशीघ्र समस्या का निराकरण किया जाएं।