Success Story: छोटे से गांव का बेटा पहले ही प्रयास में बना डीएसपी, गांव के ही स्कूल में पाई प्राथमिक शिक्षा
Success Story: Son of small village became DSP in first attempt, got primary education in village school
Success Story: प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती, समय आने पर वह खुद ही दुनिया को अपना परिचय दे देती है। यही साबित किया है मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के भैंसदेही ब्लॉक के एक छोटे से गांव की प्रतिभा सुजीत (गोलू) कवड़े ने। गांव के ही स्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने वाली इस प्रतिभा ने पहले ही प्रयास में डीएसपी जैसे प्रतिष्ठित पद के लिए चुनने में सफलता हासिल की है। सुजीत की इस सफलता से न केवल गांव, बल्कि पूरा क्षेत्र और समाज खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
कोरकू कोर कमेटी बैतूल के जिला सरंक्षक, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी संघ बैतूल के जिला अध्यक्ष और वरिष्ठ समाजसेवी मन्नूलाल चिल्हाटे ने बताया कि उनके भांजे और पिता गणपत कड़वे (प्राथमिक शिक्षक, ठेमगांव, विजयग्राम) तथा माता श्रीमती सुनीता कड़वे (गृहणी) निवासी ठेमगांव के सुपुत्र सुजीत (गोलू) कवड़े ने अपने पहले ही प्रयास में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य प्रशासनिक सेवा में सफलता हासिल करते हुए डीएसपी पद के लिए चयनित होने में सफलता हासिल की है। बचपन से ही मेधावी रहे सुजीत ने अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राथमिक शाला विजयग्राम से उत्तीर्ण की। संयोग रहा कि प्राथमिक शिक्षा उन्हें उनके पिता और बुआ ने ही दी।
वहीं छठवीं से दसवीं तक की पढ़ाई ग्वालियर में एवं हायर सेकेण्डरी परीक्षा एक्सीलेंस स्कूल बैतूल से उत्तीर्ण की। इसके बाद एग्रीकल्चर कॉलेज की डिग्री लेकर वे एमपीपीएससी और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने इंदौर चले गए। अथक परिश्रम और सुनियोजित तरीके से की गई तैयारी का ही नतीजा था कि उन्होंने पहले ही प्रयास में यह परीक्षा पास कर डीएसपी के पद पर चुनने में सफलता प्राप्त की है। सुजीत ने इस सफलता से अपने छोटे से गांव ठेमगांव, माता-पिता, परिवार, समाज और बैतूल जिले का नाम रोशन किया है। उल्लेखनीय है कि उनकी बड़ी बहन अश्विनी कड़वे पुणे महाराष्ट्र में इंजीनियर हैं वहीं छोटी बहन डॉ. सोनाली कवडे इंदौर में रेडियोलॉजिस्ट है। उनकी बुआ प्राथमिक शाला शिक्षिका हैं।