Betul News: मेंढा कासिया गांव में पानी के लिए हाहाकार, चार किलोमीटर दूर से ढो रहे ग्रामीण

Betul News: Outcry for water in Mendha Kasia village, villagers carrying water from four kilometers away

Betul News: मेंढा कासिया गांव में पानी के लिए हाहाकार, चार किलोमीटर दूर से ढो रहे ग्रामीण

मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़

Betul News: कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने पीएचई विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समुचित उपलब्धता बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए हैं। इसके अलावा गांव-गांव में जल जीवन मिशन के तहत लाखों-करोड़ों रुपए के काम भी कराए गए हैं। इन सबके बावजूद ग्रामीण इलाकों में लोगों को पानी मुहैया नहीं हो रहा है। आलम यह है कि गर्मी शुरू होते ही जल संकट पांव पसारने लगा है। लोगों को तीन से चार किलोमीटर दूर से पानी लाने मजबूर होना पड़ रहा है।

पिछड़े पन से अत्यधिक ग्रसित भीमपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत डोक्या के मेंढा कासिया गांव में भी यह जल जीवन मिशन योजना का कोई अता पता नहीं है। इस गांव में ग्रामीणों को बीते एक सप्ताह से बूँद-बूँद पानी को तरसना पड़ रहा है। कासिया के ग्रामीण भलाराम बारस्कर, रघु टादिलकर अनिल बारस्कर ने बताया कि कासिया में पीएचई विभाग द्वारा बोरखनन कर दिया।

उसमें ग्रामीणों ने मोटर डालकर पानी एक सूखे कुएं में संग्रहित किया और उस कुएं से ग्रामीण पानी भरते हैं। लेकिन, एक सप्ताह पहले मोटर खराब हो गई। ऐसी स्थिति में एक सप्ताह से ग्रामीण बूँद-बूँद पानी को मोहताज है। कुएं में जो कुछ रुका हुआ मटमैले पानी का डबरा है। उसे ही छानकर भर रहे है। वहीं कोई तीन-चार किलोमीटर दूर खेतों से पानी ला रहे हैं। ऐसे में पानी की व्यवस्था करने में ही ग्रामीणों का पूरा दिन निकल जा रहा है।

Betul News: मेंढा कासिया गांव में पानी के लिए हाहाकार, चार किलोमीटर दूर से ढो रहे ग्रामीण

हैंडपंप भी उगल रहा लाल पानी

ग्राम का एकमात्र हैडपम्प भी लाल रंग का पानी उगल रहा है।मजबूर आदिवासी वही दूषित पानी पीकर बीमार हो रहे हैं।ग्रामीणों ने बताया कि गंदे पानी की वजह से गांव के बच्चे बीमार हो रहे हैं। यह हैंडपंप भी जवाब दे चुका है। इससे एक गुंडी पानी निकालने में ही लोगों की जान निकल जाती हैं। वहीं एक बार में इतना पानी भी नहीं निकल पाता कि गुंडी भर सके। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर श्री बैंस से ग्राम में पेयजल समस्या के लिए स्थाई व्यवस्था करने और ग्राम पंचायत से नल योजना की जिम्मेदारी सम्हालने की मांग की है।

चंदा करके सुधारते हैं मोटर

ग्रामीणों ने बताया कि जब भी मोटर खराब होती है तो गरीब आदिवासी ही आपस में चंदा एकत्र कर मोटर को सुधारने ले जाते हैं। यही नहीं बिजली बिल भी ग्रामीण ही भरते हैं। इसके बावजूद उन्हें पानी नहीं मिल पा रहा। पानी की समुचित व्यवस्था करने में ना तो पीएचई विभाग रुचि ले रहा है और ना ही पंचायत।

शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए जिला स्तरीय कंट्रोल रूप स्थापित

ग्रीष्म ऋतु के दृष्टिगत जिले की ग्रामीण क्षेत्रों में सतत पेयजल व्यवस्था को बनाए रखने एवं पेयजल आपूर्ति से संबंधित शिकायतों के त्वरित निराकरण हेतु जिला स्तर पर कंट्रोल रूप स्थापित किया गया है।

कंट्रोल रूम हेतु प्रभारी अधिकारी जिला पंचायत समन्वयक सीताराम घोरसे को नियुक्त किया गया है। इनके साथ दो सहायक कर्मचारियों की भी नियुक्ति की गई है। उक्त कर्मचारी जिला पंचायत बैतूल में उपस्थित होकर प्रतिदिन प्राप्त होने वाली शिकायतों को गूगलशीट एवं पंजी में पंजीकृत कर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के संबंधित सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को शिकायत/समस्या के संंबंध में अवगत कराते हुए त्वरित निराकरण हेतु सूचित करेंगे। (Betul News)

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