Fasal Bima 2023 : ओलावृष्टि से नुकसान पर भी मिलेगा फसल बीमा, यह प्रक्रिया अपनाने से 21 दिन में मिलेगा क्लेम

Fasal Bima 2023: Crop insurance will be available even on damage due to hailstorm, claim will be received in 21 days by adopting this process

Fasal Bima 2023 : ओलावृष्टि से नुकसान पर भी मिलेगा फसल बीमा, यह प्रक्रिया अपनाने से 21 दिन में मिलेगा क्लेम

Fasal Bima 2023 : मध्यप्रदेश में इस समय कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि के कारण किसानों की गेहूं, चना व अन्य रबी की फसल बर्बाद हो गई है। बहुत से किसानों को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि ओलावृष्टि से नुकसान होने पर भी किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए ओलावृष्टि से प्रभावित किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत फसल बीमा क्लेम कर सकते हैं। हालांकि यह लाभ लेने के लिए कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना होता है।

इस संबंध में एडवोकेट दिनेश यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को 2 प्रकार से फसल बीमा राशि दी जाती है। एक तो पटवारी हल्का में होने वाली नुकसानी का राजस्व विभाग द्वारा किये जाने वाले सर्वे के आधार पर किसान बीमा क्लेम के पात्र होते हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसे किसान जिनकी फसल ओलावृष्टि से खराब होती है वे भले ही पूरे गांव की फसल अच्छी हो, लेकिन उनकी फसल खराब हुई हो तो लाभ ले सकते हैं।

इसके लिए ऐसे किसानों को बीमा कंपनी को 72 घंटे के अंदर सूचना देना होता है। ऐसा करके वे व्यक्तिगत फसल बीमा क्लेम कर सकते हैं। इन किसानों को बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित फार्म में बीमा कंपनी को ईमेल द्वारा सूचना देना होता है। किसानों को यह सावधानी रखना चाहिए कि सूचना ओलावृष्टि के 72 घंटे के अंदर देना है।

जिस फसल का बीमा उसी का क्लेम

बैंक में जिस फसल का बीमा प्रीमियम काटा गया है या जिस फसल का बीमा किया गया है, उसी फसल के लिए क्लेम करना चाहिए। यदि गेहूं का बीमा किया है तो अन्य फसल का बीमा नहीं मिलेगा। साथ ही फसल खराब होने का कारण ओलावृष्टि ही लिखना है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ऐसे किसानों का 7 दिन के अंदर सर्वे होता है। 15 दिनों में बीमा राशि का निर्धारण होकर 21 दिन में बीमा कंपनी द्वारा बीमा क्लेम का भुगतान किसानों को किया जाना अनिवार्य है।

यह साक्ष्य कर सकते हैं प्रस्तुत

साक्ष्य के तौर पर किसान अपनी खराब हुई फसल का फोटो, अखबारों में संबंधित समाचार की कतरन भी रख सकते है। किसानों को बीमा प्रीमियम की राशि बैंक खाता नंबर, खसरा नंबर व आधार कार्ड की जानकारी भी आवेदन में देना चाहिए। यह आवेदन बीमा कंपनी के अलावा खाता धारक बैंक, कृषि विभाग अधि कारी व तहसील कार्यालय में देकर पावती अपने पास रखना चाहिए।

किसानों को मिलेंगे 5 लाख रूपये

बैतूल जिले की मुलताई तहसील के अंतर्गत टेमझिरा अ के 5 किसान तथा ग्राम भडूस के एक व चिखलीकलां के एक किसान को खरीफ 2017 की फसल बीमा राशि के 4 लाख 78 हजार 814 रुपये मिलेंगे। बैंकों द्वारा इन किसानों के पटवारी हल्का नंबर बदल दिये गए थे। किसानों द्वारा उपभोक्ता आयोग बैतूल में आवेदन दिया गया था। जिस पर आयोग के अध्यक्ष/न्यायाधीश विपिन बिहारी शुक्ला व सदस्य सतीष शर्मा द्वारा यह आदेश दिया गया।

इन बैंकों को करना है भुगतान

एडवोकेट दिनेश यादव ने बताया कि टेमझिरा अ के किसानों को सहकारी बैंक द्वारा तथा भडूस के किसान को एक्सिस बैंक बैतूल द्वारा आयोग से आदेशित राशि का भुगतान करना है। चिखलीकलां के किसान को भारतीय स्टेट बैंक मुलताई व बीमा कंपनी द्वारा संयुक्त रूप से आधी-आधी राशि दी जाएगी। इन प्रकरणों में बैंकों द्वारा केन्द्र सरकार के पोर्टल पर किसानों की जानकारी दर्ज करते समय पटवारी हलका नंबर बदल दिया गया था। जिस कारण किसानों को फसल बीमा राशि गांव के अन्य किसानों के साथ नहीं मिल पाई थी।

किस किसान का कितना बीमा

इस आदेश के अनुसार ग्राम चिखलीकलां के किसान अनुराजसिंह रघुवंशी को 1 लाख 13 हजार 378 रुपये, ग्राम भडूस के किसान गोविंदप्रसाद पंवार को 16 हजार 564 रुपये, ग्राम टेमझिरा-अ के किसान नंदलाल पंवार को 65 हजार 301 रुपये, धनराज परिहार को 27 हजार 281 रुपये, भाऊराव देशमुख को 1 लाख 07 हजार 507 रुपये, किशोरीलाल पंवार को 61 हजार 813 रुपये, विमलाबाई पंवार को 74 हजार 970 रुपये मिलेंगे। इस राशि में मानसिक संत्रांस व वाद व्यय की राशि भी सम्मिलित है।

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