overseas employment : एमपी के युवाओं को विदेश में रोजगार दिलाएगी शिवराज सरकार, होने वाले व्यय का आधा खर्च भी उठाएगी
overseas employment : मध्यप्रदेश के युवाओं को अब सरकार विदेश में भी रोजगार मुहैया कराएगी। इसके लिए सरकार द्वारा संबंधित देश की भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही वहां भेजने में जो व्यय आएगा, उसका आधा खर्च भी सरकार उठाएगी। इस योजना को हाल ही में हुई मंत्रि परिषद की बैठक में मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा एक स्वरोजगार योजना को भी मंजूरी दी गई है।
विदेश में रोजगार दिलाने के लिए मंत्रि-परिषद द्वारा “पिछड़े वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों को विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने की योजना – 2022” को स्वीकृति प्रदान की गई है। इस योजना में आगामी 3 वर्षों में प्रतिवर्ष प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के चयनित लगभग 200 युवाओं को नियोक्ता की मांग अनुसार सॉफ्ट स्किल एवं आवश्यक लेंग्वेज का प्रशिक्षण देकर आकर्षक वेतन पर विदेश में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
पिछड़ वर्ग के युवाओं को जापान में नियोक्ता की मांग एवं रोजगार की उपलब्धता के अनुसार जापानी भाषा का प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार उपलब्ध कराया जाना है। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के पात्र 200 इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर 3 से 5 वर्ष की अवधि के लिए रोजगार हेतु जापान भेजा जाएगा। प्रति युवा 2 लाख 1 हजार 800 रूपये का व्यय होगा।
इस व्यय का आधा हिस्सा खुद सरकार भी वहन करेगी। इसमें राज्य सरकार का अंशदान 50.45 प्रतिशत एवं लाभार्थी का अंशदान 49.55 प्रतिशत रहेगा। लाभार्थी को अपने अंशदान का 75 प्रतिशत तक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के प्रारंभिक 3 वर्षों में अनुमानित 6 करोड़ रूपए का व्यय होगा।
मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक उद्यम/स्व-रोजगार योजना-2022 स्वीकृत
मंत्रि-परिषद द्वारा पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्तियों को उद्यम एवं स्व-रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक उद्यम/स्वरोजगार योजना-2022’ भी स्वीकृत की गई है। योजना में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 7 करोड़ 50 लाख रूपये तथा आगामी 02 वर्षों के लिये कुल 42 करोड़ 50 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। योजना से वर्ष 2022-23 एवं आगामी दो वर्षों में उद्यम के लिये 6 हजार एवं स्व-रोजगार के लिये 30 हजार व्यक्तियों को लाभान्वित किया जा सकेगा।
लाभ लेने के लिए यह पात्रता
- इस योजना को मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना की तर्ज पर संचालित किया जायेगा।
- योजना में नये उद्योगों की स्थापना के लिये सहायता दी जायेगी।
- परिवार की वार्षिक आय अधिकतम 12 लाख रूपये तक होना चाहिये।
- उद्योग या निर्माण इकाई के लिये 1 लाख से 50 लाख रूपये तक की परियोजनाएँ स्वीकृत हो सकेंगी।
- बैंक से लिये गये लोन पर 3 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान 7 वर्ष तक दिया जायेगा।
नए स्वरोजगार स्थापना के लिए सहायता (overseas employment)
नवीन स्व-रोजगार की स्थापना के लिये स्व-रोजगार योजना में सहायता दी जायेगी। सभी प्रकार के स्व-रोजगार के लिये 10 हजार से 1 लाख रूपये तक की परियोजनाएँ स्वीकृत हो सकेंगी। बैंक से लिये गये लोन पर 3 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान 7 वर्ष तक दिया जायेगा। योजना में अगले 3 वर्ष में 30 हजार हितग्राहियों को 12 करोड़ 50 लाख रूपये तक की परियोजनाओं में सहायता देने का लक्ष्य है।