Dhanteras 2022 Ka Shubh Muhurt: आज धनतेरस के शुभ मुहूर्त, जानें किस समय क्या खरीदना होगा सबसे ज्यादा शुभ
Dhanteras 2022 Ka Shubh Muhurt : कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। इस साल दीपावली 24 अक्टूबर सोमवार को है। धनतेरस दिवाली के दो दिन पहले त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान धन कुबेर, धनवंतरी और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान बताया गया है। पुराणों में लिखा है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने से आर्थिक संपन्नता बढ़ती है और धन लाभ होता है। आज धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त के बारे में बताया गया है…
धनतेरस 2022 तिथि (Dhanteras 2022 Date)
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: आज शाम 06 बजकर 02 मिनट से
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का समापन: कल शाम 06 बजकर 03 मिनट पर
धनतेरस 2022 पूजा का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2022 Pooja Muhurt)
आज शाम 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक
वृषभ काल: आज शाम 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 56 मिनट तक
धनतेरस 2022 पर राहुकाल (Dhanteras 2022 Rahukaal)
राहुकाल: आज सुबह 09:16 बजे से सुबह 10:41 बजे तक
अब जानें किस समय क्या खरीदना होगा सही (Dhanteras 2022 Shopping Timing )
वृश्चिक लग्न : प्रात: 7.53 बजे से 10.08 बजे तक
- देव प्रतिमाएं, हीरा, स्वर्ण आभुषण, किचन का सामान, मशीन, वाहन औजार खरीदें
कुंभ लग्न : मध्यान्ह 2.02 से 3.37 बजे तक
- हीरा, स्वर्ण, आभूषण, मशीन, वाहन, औजार
वृषभ लग्न: सायं 6.51 बजे से रात्रि 8.50 बजे तक
- चांदी, किचन के आइटम, मशीन, हीरा, स्वर्ण आभूषण, जमीन या भवन की बुकिंग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम
चौघडिया के अनुसार कब करें खरीदारी (Dhanteras ka choghadiya Muhurat 2022)
चर: प्रात: 7.29 से 8.55 बजे तक
- स्वर्ण आभूषण, औषधि, किचन का सामान, स्टील और तांबे के सामान्, सजावट का सामान
लाभ: प्रात: 8.55 बजे से 10.22 बजे तक
- लॉकर, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक सामान
अमृत : प्रात: 10.22 बजे से 11.48 बजे
- भूमि, पानी भरने का घड़ा, फर्नीचर, हीरा, स्वर्ण आभूषण, आफिस के सामान, बच्चों के अध्ययन की सामग्री
शुभ: मध्यान्ह 1.14 बजे से 2.40 बजे तक
- स्वर्ण आभूषण, हीरा, देव प्रतिमाएं, भूमि, भवन
रात्रि मुहूर्त: सायंकाल 5.32 बजे से मध्य रात्रि तक शुभ, अमृत, चर
- स्वर्ण आभूषण, रत्न, हीरा, देव प्रतिमाएं भूमि, भवन
चौघड़िया मुहूर्त का महत्व (Dhanteras 2022 Ka Shubh Muhurt )
लाभ चौघड़िया- वैदिक ज्योतिष में, बुध को एक लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसका प्रभाव आमतौर पर शुभ माना जाता है और लाभ के रूप में चिह्नित किया जाता है। लाभ चौघड़िया को शिक्षा शुरू करने के लिए और नया कौशल प्राप्त करने हेतु सबसे शुभ माना जाता है।
अमृत चौघड़िया- वैदिक ज्योतिष में चन्द्रमा को एक लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसका प्रभाव आमतौर पर शुभ माना जाता है और अमृत के रूप में चिह्नित किया जाता है। अमृत चौघड़िया को सभी प्रकार के कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।
शुभ चौघड़िया- वैदिक ज्योतिष में, बृहस्पति को एक लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसका प्रभाव आमतौर पर शुभ माना जाता है और शुभ के रूप में चिह्नित किया जाता है। शुभ चौघड़िया को विशेष रूप से विवाह समारोह आयोजित करने के लिए लाभकारी माना जाता है।
कौन है भगवान धन्वंतरि
समुद्र मंथन से चौदह प्रमुख रत्नों की उत्पत्ति हुई जिनमें चौदहवें रत्न के रूप में स्वयं भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए जो अपने हाथों में अमृत कलश लिए हुए थे। भगवान विष्णु ने इन्हें देवताओं का वैद्य और वनस्पतियों तथा औषधियों का स्वामी नियुक्त किया। इन्हीं के वरदान स्वरूप सभी वृक्षों-वनस्पतियों में रोगनाशक शक्ति का प्रादुर्भाव हुआ। भगवान धन्वन्तरि आरोग्य और औषधियों के देव हैं। धनतेरस के दिन इनकी पूजा-आराधना अपने और परिवार के स्वस्थ शरीर के लिए करें क्योंकि,संसारका सबसे बड़ा धन आरोग्य शरीर है। आयुर्वेद के अनुसार भी धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष की प्राप्ति स्वस्थ शरीर और दीर्घायु से ही संभव है।
धनतेरस पर सोना-चांदी और बर्तन खरीदने का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि का जन्म इसी तिथि पर हुआ था। जन्म के समय भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत से भरा कलश लेकर प्रगट हुए थे। भगवान धन्वंतरि को देवताओं के वैध और आयुर्वेद का जनक माना जाता है। धनतेरस पर सोने-चांदी के सिक्के, गहने और बर्तन के आदि की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा धनतेरस पर भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा व मंत्रोचार किया जाता है।
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