Today Betul Mandi Bhav : आज के कृषि उपज मंडी बैतूल के भाव (दिनांक 26 सितम्बर, 2022)

Today Betul Mandi Bhav : कृषि उपज मंडी बैतूल में आज दिनांक 26 सितम्बर, 2022 को विभिन्न जिंसों के भाव इस तरह रहे –

Today Betul mandi bhav

Wheat New Variety : कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी गेहूं की ये किस्म, 112 दिन में तैयार होगी 75 क्विंटल तक पैदावार

Wheat New Variety Pusa Tejas : इन दिनों गेहूं की नई किस्‍मों की काफी चर्चा हो रही है। कई किसान इन किस्मों से अच्‍छा मुनाफा कमा रहे हैं। हर बार की तरह इस बार भी हम आपके लिए गेहूं की इस नवीन किस्‍म के बारे में विस्‍तार से जानकारी लाए, जिससे आप भी अच्‍छा उत्‍पादन कर मुनाफा कमा सके। वैज्ञानिकों ने गेहूं की ऐसी कई नयी किस्में विकसित करी हैं, जो की कम समय और कम लागत में अच्छी क्वालिटी का अनाज प्रदान करेगी। सही समय पर बुवाई करने से फसल की पैदावार भी अच्छी होती है। इन किस्मों में पूसा तेजस गेहूं शामिल है, जिसे साल 2016 में इंदौर कृषि अनुसंधान केन्द्र ने विकसित किया था, ये किसम देश के किसानो के लिए एक वरदान है जिसके कारन आज देश के सभी किसानो को इतना फायदा हो रहा है।

Wheat New Variety Pusa Tejas

गेहूं प्रमुख खाद्यान्न फसल है, भारत में इसका उत्पादन और खपत दोनों ही काफी ज्यादा मात्रा में होती है। भारतीय गेहूं से अब देश के साथ-साथ दुनिया की भी जरूरतें पूरी की जा रही है। ऐसी स्थिति में किसानों के ऊपर भी अच्छी क्वालिटी वाला अनाज उगाने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।

पूसा गेहूं की खासियत Specialties of Pusa Wheat

पूसा तेजस गेहूं इसका वैज्ञानिक नाम HI-8759 भी है, जो रोटी और- बेकरी उत्पादों (Bakery Wheat) के साथ-साथ नूडल, पास्ता और मैक्रोनी जैसे उत्पादों को बनाने के लिये सबसे उपयु्क्त रहती है. गेहूं की ये उन्नत प्रजाति आयरन, प्रोटीन, विटामिन-ए और जिंक जैसे पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत है. वहीं इस किस्म में गेरुआ रोग, करनाल बंट रोग और खिरने की संभावना भी नहीं रहती. इस पूसा तेजस गेहूं की फसल में पत्तियां चौड़ी, मध्यमवर्गीय, चिकनी और सीधी होती है, जो किसानों को मुसीबत में भी रिकॉर्ड उत्पादन दे सकती है।

कितने बीज की होगी आवश्‍यकता

इस फसल को बोने के लिए आपको प्रति एकड़ में करीब 50 से 55 किलोग्राम बीज और 120 से 125 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की आवश्‍यकता होगी। बता दें कि पूसा तेजस गेहूं में कल्लो की संख्या भी ज्यादा रहती है। साधारण किस्मों के मुकाबले पूसा तेजस गेहूं के पौधे में 10 से 12 कल्ले निकलते हैं।

बुवाई का सही समय और तरीका

पूसा तेजस की बुवाई का सही समय 10 नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक होता है। बुवाई से पहले खेतों में गहरी जुताई लगाकर मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिये। इसके बाद गोबर की खाद और खरपतवार नाशी दवा यानि कीटनाशक का भी मिट्टी में छिड़काव करे, ताकि फसल में खरपतवारों की संभावना भी ना रहे। पूसा तेजस के बीजों की बुवाई से पहले बीजों का उपचार करने की सलाह दी जाती है।

News Source:krishi jagran

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