खबर का असर : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजन जबर सिंह का हुआ सम्मान, दूर हुई नाराजगी
Effect of news: Jabar Singh, the kin of freedom fighter, was respected, displeasure removed
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रानीपुर में पुलिस म्यूजियम के शुभारंभ के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों का सम्मान भी किया गया था। इस मौके पर कोयलारी निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुखनंदन के पुत्र जबर सिंह पिता सुखनंदन का सम्मान नहीं हो सका था। इससे उनमें आक्रोश और नाराजगी थी। बैतूल अपडेट ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
इसके बाद रानीपुर थाना प्रभारी टीआई नन्हे वीर सिंह ने जबर सिंह पिता सुखनंदन को रानीपुर थाने में बुलाकर शाल और श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया। गौरतलब है कि बैतूल जिले के रानीपुर में पुराने थाना भवन में बनाए गए पुलिस म्यूजियम का रविवार को शुभारंभ किया गया।
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इस मौके पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों का सम्मान भी किया गया। वहीं कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को बुलाया ही नहीं गया था। इससे उनमें आक्रोश और नाराजगी थी। ऐसे ही एक ताम्रपत्र प्राप्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ग्राम कतिया कोयलारी के जबर सिंह पिता सुखनंदन को म्यूजियम के शुभारंभ के दौरान नहीं बुलाया गया। इसलिए वे नाराज थे।
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उन्होंने बताया कि मेरे पिताजी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान घोड़ाडोंगरी डिपो में आग लगाई गई थी। जिसके पश्चात उन्हें 5 साल कठोर कारावास की सजा हुई थी। उन्हें पहले बैतूल जेल भेजा गया। वहां से अकोला और अकोला से नागपुर जेल में शिफ्ट किया गया था। सजा भुगतने के बाद कई वर्षों तक उन्हें पेंशन भी मिलते रही।
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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजन ग्राम कोयलारी में निवास करते हैं। इसकी जानकारी जब रानीपुर टीआई को लगी तो उन्होंने शीघ्र रानीपुर थाने म्यूजियम में बुलाकर शाल और श्रीफल से उनका सम्मान किय। सम्मान मिलने पर जबर सिंह पिता सुखनंदन खुश हो गए। उनका कहना है कि अब उन्हें कोई शिकायत नहीं है।