खुशखबरी : अगले दो हफ्ते में कम हो जाएंगे गेहूं-आटे के दाम, निर्यात पर प्रतिबंध का जल्द देखने को मिलेगा असर
Good news: Wheat flour prices will come down in the next two weeks, the effect of the ban on exports will be seen soon
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नई दिल्ली। घरेलू बाजार में शीघ्र ही गेहूं की कीमतें (Wheat Price) घटने वाली है। सरकार का दावा है कि एक से दो सप्ताह में गेहूं के दाम नरम हो जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने इस कमोडिटी के निर्यात पर प्रतिबंध (Wheat Export Ban) लगा दिया है। उल्लेखनीय है कि इस साल गेहूं की नई फसल आने के बाद गेहूं (Wheat New Crop) के दाम घटने के बजाए बढ़ गए थे।
खाद्य सचिव ने बताई यह बात
केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने शनिवार को बताया कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध (Export Ban) लगाने के सरकार के फैसले से एक-दो सप्ताह में घरेलू कीमतों में कमी आने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल में गेहूं और गेहूं के आटे की खुदरा कीमतों में 19 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। पांडेय का कहना है कि भारत में गेहूं के उत्पादन में मामूली गिरावट आने के साथ ही वैश्विक आपूर्ति कम होने से भी इसकी कीमतों में वृद्धि हुई है। यही वजह है कि पिछले महीने गेहूं और आटे की घरेलू कीमतें भी बढ़ गईं।
पीडीएस पर नहीं पड़ेगा असर
खाद्य सचिव ने कहा कि भारत में गेहूं के उत्पादन में संभावित गिरावट और सरकारी खरीद में भी कमी आने का गेहूं की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) पर असर पड़ने की आशंका नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘पीडीएस सुचारू रूप से चलती रहेगी।’’
निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने शुक्रवार रात को गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। हालांकि, इसने अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जारी हो चुके वैध एलओसी के साथ गेहूं निर्यात की अनुमति दी है। भारतीय कारोबारियों ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 45 लाख टन गेहूं के निर्यात का कांट्रेक्ट किया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इसमें से 14.6 लाख टन गेहूं अप्रैल में निर्यात किया गया था।
धारणाओं से कीमतें हो रही हैं तय
खाद्य सचिव ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘वैश्विक मांग बढ़ रही थी और विभिन्न देश प्रतिबंध लगा रहे थे। धारणाओं से कीमतें तय हो रही थीं। हमें पूरा विश्वास है कि अब धारणाएं भी कीमतों को नीचे लाने का काम करेंगी।’’ उन्होंने कहा कि इन दिनों कई क्षेत्रों में वैश्विक कीमतों के साथ-साथ मुद्रा स्फीति का भी आयात होता है। गेहूं के मामले में भी यही हो रहा था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों का गेहूं 420-480 डॉलर प्रति टन के ऊंचे भाव पर बिक रहा था।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में भारत को बढ़ती घरेलू कीमतों पर नियंत्रण रखने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा। इस फैसले से निश्चित तौर पर कीमतों में नरमी लाने में मदद मिलेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि कीमतों में आने वाली गिरावट की मात्रा के बारे में कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन घरेलू कीमतों में एक-दो हफ्ते में निस्संदेह कमी आएगी।’’