Good News : सुखतवा पुल से शुरू हुआ आवागमन, मात्र 20 दिन में निर्माण, नहीं काटना होगा लंबा फेरा
Traffic started from Sukhtawa bridge, construction in just 20 days, will not cut long journey
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◾ नवील वर्मा, शाहपुर
बैतूल-भोपाल नेशनल हाईवे (NH) पर नर्मदापुरम जिले में सुखतवा नदी पर बने वैकल्पिक पुल (Sukhtawa bridge) से बुधवार शाम को यातायात शुरू हो गया है। आज होशंगाबाद के एडीएम, एएसपी, एसडीएम और तहसीलदार द्वारा पुल का निरीक्षण किया गया। इसके बाद पुल से आवागमन प्रारंभ किया गया। पुल का निर्माण फोरलेन बना रही जितेंद्र सिंह इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने मात्र 20 दिन में पूरा कर दिया। कंपनी के एमडी अजित पाल, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रमोद सिंह कदम और टीम ने प्राथमिकता से यह कार्य पूरा कराया।
यह पुल 156 पाइपों से बना है। आज से इस पुल से लोडिंग व्यावसायिक वाहन निकालने शुरू हो गए हैं। अभी पुल पर शुरुआती 28 दिनों में टेस्टिंग होगी। इस दौरान केवल 40 टन वजन के वाहनों को निकलने की अनुमति होगी। वाहनों की जांच की जाएगी। पुल की मजबूती और भार क्षमता जांचने के बाद 70 टन तक के वाहन निकाले जा सकेंगे।
अब नहीं चलना होगा 94 किमी अतिरिक्त
इस पुल से आवागमन शुरू होने से लोडिंग वाहनों को 94 किमी का अतिरिक्त चलने से छुटकारा मिलेगा। जिससे समय और डीजल दोनों की ही बचत होगी। फोरलेन का निर्माण करा रही कंपनी ने 156 पाइप डालकर वैकल्पिक पुल तैयार किया है। पुल से यातायात शुरू होने से जिले के लोगों को भी सीधा लाभ मिलेगा। देखें वीडियो…
चार दिन पहले से ही लगी कतार
यह पुल 8 मई को चालू किया जाना था, लेकिन सेफ्टी पाइंट का काम अधूरा होने से इसमें तीन दिन की देरी हो गई। इधर 8 मई को पुल चालू होने की खबर के बाद 7 मई की शाम से ही भोपाल, नागपुर दोनों रूट पर वाहन जमा होने लगे थे। जो पिछले तीन दिनों से रास्ता चालू के इंतजार में हाइवे पर खड़े हैं। पुल चालू होने से करीब एक माह बाद हाइवे पर एक बार फिर ट्रैफिक ने रफ्तार पकड़ ली है। देखें वीडियो…👇
एक माह पहले हुआ था पुल जमींदोज
माचना नदी पर ब्रिटिश शासन में 157 साल पहले बनाया गया था। विगत 10 अप्रैल को 127 टन वजनी ट्रांसफार्मर लेकर 138 चक्के का ट्राला हैदराबाद से इटारसी आ रहा था। इस ट्राले के वजन से पुल का आधा हिस्सा भरभरा कर ढह गया था। जिसके बाद औबेदुल्लागंज-बैतूल नेशनल हाइवे पर यातायात पूरी तरह बंद हो गया। बैतूल आने–जाने के लिए टिमरनी, ढेकना परिवर्तित मार्ग से यातायात शुरू कराया था।