तल्ख अंदाज में कलेक्टर बोले- जब मेरी मीटिंग में यह हाल तो कैसे होती होगी डीपीओ की बैठक, पांच पीओ को शोकॉज नोटिस
◼️ उत्तम मालवीय, बैतूल
बुधवार को बैतूल में हो रही महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर अमनीबीर सिंह के तीखे तेवर देखने को मिले। बैठक में उस समय सन्नाटा पसर गया जब तल्ख अंदाज में उन्होंने कहा कि जब मेरी बैठकों में इस तरह अधूरी जानकारी लेकर अधिकारी उपस्थित हो रहे हैं, तो विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी की बैठक कैसे संपन्न होती होगी एवं उनके द्वारा योजनाओं की समीक्षा कैसे की जाती होगी? दरअसल, बैठक में उपस्थित बाल विकास परियोजना अधिकारियों के पास उनके सेक्टर से संबंधित जानकारी ही नहीं थी। इसके चलते कलेक्टर श्री बैंस ने गंभीर आपत्ति जताई।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रभातपट्टन, सारनी की उपलब्धि संतोषजनक न होने पर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के प्रसव के आंकड़ों से विभाग के आंकड़ों का मिलान किया जाएं। सारनी परियोजना अंतर्गत मातृ वंदना योजना के आंकड़ों में अपेक्षित कमी पाए जाने पर वहां के परियोजना अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी करने के निर्देश दिए गए। यहां लाड़ली लक्ष्मी योजना के क्रियान्वयन की स्थिति भी संतोषजनक नहीं पाई गई थी।
पोषण पुनर्वास केन्द्रों में दर्ज बच्चों की जानकारी की समीक्षा के दौरान भीमपुर के परियोजना अधिकारी को समुचित जानकारी न होने के कारण उनको कारण बताओ नोटिस देने के साथ ही एक वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश दिए गए। घोड़ाडोंगरी, शाहपुर एवं मुलताई की स्थिति पर भी असंतोष व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने वहां के परियोजना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
जिन पर्यवेक्षकों द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों का भ्रमण नहीं किया जा रहा है एवं माह में बारह से कम भ्रमण किए गए हैं, उनको भी कारण बताओ नोटिस जारी करने के कलेक्टर ने निर्देश दिए और कहा कि संतोषजनक जवाब नहीं पाए जाने पर संबंधित का वेतन काटने/वेतनवृद्धि रोकने की भी कार्रवाई की जाए। बैठक में कलेक्टर श्री बैंस ने कहा कि जिले की समस्त आंगनबाड़ियों की व्यवस्थाएं एवं उनके अभिलेख दुरुस्त रखे जाएं। अभिलेखों के संधारण में लापरवाही न हो। टेक-होम राशन के वितरण के दौरान संबंधित हितग्राही के तत्काल पंजी पर हस्ताक्षर कराए जाएं।
भीमपुर विकासखंड के रतनपुर सेक्टर में आंगनबाड़ियों के संचालन की खराब स्थिति को भी रेखांकित किया एवं अपेक्षित सुधार लाने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान मिले फीडबैक पर भी बारीकी से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने भैंसदेही विकासखंड के ढानों में टीएचआर की आपूर्ति नहीं होने के मामले पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो।
कलेक्टर ने आगामी 8 मई से ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले लाड़ली लक्ष्मी उत्सव की विभागीय तैयारियां न होने पर भी बैठक में नाराजगी व्यक्त की और निर्देशित किया कि जिला पंचायत एवं शिक्षा विभाग के समन्वय से आयोजन संबंधी समुचित कार्ययोजना तैयार की जाएं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर शासन की मंशानुरूप लाड़ली लक्ष्मी उत्सव का आयोजन हो।
जो आंगनबाड़ियां किराए के भवन में संचालित हो रही हैं, उनको यथासंभव शासकीय भवनों में शिफ्ट करवाया जाएं। इसके लिए सघनता से शासकीय भवनों की तलाश की जाए। भीमपुर विकासखंड में एवं बैतूल नगरीय क्षेत्र में बड़ी संख्या में किराए के भवनों में संचालित हो रही आंगनबाड़ियों को यथासंभव शासकीय भवनों में शिफ्ट कराने के कलेक्टर द्वारा निर्देश दिए गए।
जागरूकता लाने अभियान चलाए चलाया
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में सैनेटरी पेड के उपयोग एवं इससे होने वाले हाइजिनिक फायदे के प्रति जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाया जाए। विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में महिलाओं को सैनेटरी पेड के उपयोग के लिए जागरूक बनाया जाए।
कुपोषण दूर करने विशेष फोकस की जरूरत
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए सतत प्रयास करने की जरूरत है। अभियान चलाकर बच्चों को सुपोषण के दायरे में लाया जाए। कुपोषित बच्चों में जो परिवर्तन लाया जाता है, उसके फोटोग्राफिक एविडेंस भी तैयार किए जाएं।
4-डी की पहचान के लिए भी चलाएं अभियान
बैठक में कलेक्टर ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए गए 4-डी (डेवलपमेंट डिले, डिसेबिलिटी, बर्थ डिफेक्ट एवं डेफिसिएन्सी) की पहचान के प्रशिक्षण की भी जानकारी ली। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिलाष मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास संजय जैन सहित परियोजना अधिकारी बाल विकास मौजूद थे।