tigress cub died : बाघिन के बच्चे की मौत, राठीपुर क्षेत्र में शव मिला, वन महकमे में हड़कंप; यह जताई जा रही आशंका
Tigress's child dies, dead body found in Rathipur area, stir in forest department; it is suspected
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• उत्तम मालवीय, बैतूल
जिले के जंगल में बाघ का कुनबा बढ़ने की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। पिछले डेढ़ साल से बैतूल के जंगल में जो बाघिन विचरण कर रही थी, उसके बच्चे की मौत हो गई है। उसका शव बैतूल वन परिक्षेत्र के राठीपुर इलाके में मिला है। जिसके बाद वन विभाग ने नेशनल टाइगर अथॉरिटी (NTA) और चिकित्सकों के दल के साथ मृत शावक (tigress cub) की अंत्येष्टि कर दी है। वहीं गायब बाघिन की भी लोकेशन मिल गई है।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) से आकर पिछले एक- डेढ़ साल पहले से बैतूल रेंज को अपना ठिकाना बना चुकी बाघिन की बीते 5 दिन से लोकेशन नहीं मिल रही थी। उसका कॉलर आईडी (caller ID) जंगल में गिरा पड़ा मिला था। जिसके बाद वन अमले में हड़कंप मच गया था।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व समेत वन विभाग का अमला बाघिन की खोज खबर में जुटा था। इसी बीच उसके 20 दिन के शावक का शव जंगल में मिला है। जिससे हड़कंप मच गया है। हालांकि माना जा रहा है कि शावक की मौत प्राकृतिक रूप से हुई है। वैसे पीएम रिपोर्ट आने पर ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगी।वन विभाग ने नियमों के तहत अधिकारियों की मौजूदगी में शव परीक्षण कर उसकी अंत्येष्टि कर दी है।
डीएफओ (उत्तर) राकेश डामोर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार देर शाम बाघिन के बच्चे का शव मिला था। जिसकी उम्र करीब 15 से 20 दिन रही होगी। इसकी अंत्येष्टि कर दी गई है। बाघिन द्वारा छोड़ दिए जाने के बाद इस शावक ने भूख और मौसम की वजह से दम तोड़ दिया।
कई बार बाघिन अपने शावकों को पालने में सक्षम नहीं होती हैं। तब वह बच्चे को छोड़ देती हैं या कभी-कभी वह खुद ही उसे मार देती हैं। वैसे टाइगर रिजर्व के इलाकों में भरपूर आहार श्रृंखला उपलब्ध होती है, लेकिन वह जिस तरह से बैतूल के जंगलों में वह पालतू जानवरों पर ही निर्भर थी। जिसके लिए उसे कई बार दूर तक जाना पड़ता है। यहां शिकार की कमी की वजह से उसने शायद बच्चे को छोड़ दिया होगा। जो मौसम और भूख की वजह से मौत का शिकार हो गया।
राहत : बाघिन की लोकेशन मिल रही
बाघिन की बीते 5 दिनों से लोकेशन नहीं मिल रही थी। उसका कालर आईडी एक ही जगह लोकेशन बता रहा था। जिसके बाद वन विभाग ने सतपुड़ा रिजर्व टाइगर के दल को इसकी खबर दी थी। दल ने जब इसकी जानकारी जुटाई तो पता चला कि कालर आईडी जंगल में कहीं गिर गया था। जिसकी वजह से बाघिन की लोकेशन एक ही जगह मिल रही थी।
दल ने कालर आईडी तो ढूंढ लिया है, लेकिन उसकी लोकेशन को लेकर अमला परेशान था। डीएफओ ने बताया कि अब बाघिन की लोकेशन मिल रही है और इसको लेकर कोई संशय नहीं है। इससे थोड़ी राहत विभाग महसूस कर रहा है।
Kadak ho chai to maja aa jaye. Chai se mujhe ek baat yaad aa gai, Jab mai subah uthkar fresh hota hu tab mujhe Apni maa ke Hato se bni hui kadak chai mil jaye to maja aa jata hai. Congratulations Beti
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