आस्था का स्थल: विट्ठल-रुक्मणी भगवान दरबार में पूरी होती हैं सभी मुरादें, दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

  • उत्तम मालवीय, बैतूल

    बैतूल जिले के मुलताई तहसील के ग्राम देवभिलाई में विट्ठल-रुक्मणी भगवान का प्रसिद्ध मंदिर है। आस्था और विश्वास का ऐसा अटूट स्थान यह मंदिर है, जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

    यहां के भगत और पुजारी देवीदास साकरे ने बताया कि यहां प्रत्येक वर्ष गुड़ीपड़वा और विजयादशमी दशहरा पर्व पर विट्ठल-रूकमणी भगवान के झंडे पर ध्वजारोहण निशान का कार्य वे 22 साल से कर रहे हैं। इसके पूर्व उनके पिताजी स्व. बाबूराव साकरे इस कार्य को करते आ रहे थे। लगातार यहां पर श्रद्धालुओं की संख्या हजारों की तादात में रहती है और उनकी हर मन्नत, मुरादें पूरी होती हैं।

    पुजारी योगराज पाटील, संतोष पाटील ने बताया कि गुड़ीपड़वा पर बैतूल जिले का सबसे बड़े महोत्सव का आयोजन होता है। यहां पर भगवान विठ्ठल-रुकमणि से हजारों लोग आशीर्वाद प्राप्त करने के लिये बैतूल जिले के अतिरिक्त मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य प्रदेशों से बड़ी संख्या में लोग पहुचते है। रात्रि जागरण में भगवान विठ्ठल-रूकमणी के भजनों का कीर्तन रात भर चलते रहता है।

    हर समस्या का होता है समाधान 

    इस दरबार में लोग अपनी समस्या लेकर पहुंचते और दरबार से खुशी-खुशी वापस जाते हैं। इढा पान सुपारी के रूप में दिया जाता है और सवा महीने की भक्ति करके लोग अपनी मुराद पूरी करते हैं। साल में दशहरा और गुड़ी पड़वा पर भव्य महोत्सव आयोजन में श्रद्धालु पहुंच कर भगवान विठ्ठल रूकमणी का आशीर्वाद पुण्य रूप में पाते हैं। आस्था का यह केंद्र धार्मिक स्थल के रूप में जिले भर में प्रसिद्ध हैं।

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