सीजर के दौरान पेट में छोड़ दिया था कपड़ा, अब डॉक्टर को देना होगा इतना हर्जाना

  • उत्तम मालवीय, बैतूल © 9425003881
    मेडिकल नेगलिजेंस (लापरवाही) के मामले में एक बड़ी कार्रवाई हुई है। महिला मरीज के ऑपरेशन के बाद पेट में कपड़ा छूट जाने के मामले को लेकर पीड़ित महिला ने जिला उपभोक्ता आयोग की शरण ली थी। जिला उपभोक्ता फोरम ने इस मामले में आदेश दिया है कि पीड़ित महिला को क्षतिपूर्ति राशि दी जाएं और ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक के वेतन से यह राशि वसूल की जाएं। फोरम के आदेश को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने क्षतिपूर्ति राशि दिलाने की कार्यवाही शुरू कर दी है।

    यह भी पढ़ें… खेतों में तैयार हो रहा सेहत का खजाना, आने लगी सौंधी खुशबू

    बैतूल के गौठाना निवासी हीना फजलानी पत्नी मो. कादर फजलानी का 29 दिसंबर 2015 को जिला अस्पताल में सीजर ऑपरेशन से प्रसव हुआ था। ऑपरेशन के 2 दिन बाद हीना के पेट में तकलीफ शुरू हो गई। इसको लेकर हीना ने बैतूल के कई डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ तब सोनोग्राफी कराई तो पता चला कि उसके पेट में कपड़े का टुकड़ा है। इसको लेकर हीना ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर के पास गई। डॉक्टर ने उसे दवाई देकर कहा कि इस दवाई के खाने के बाद कपड़ा निकल जाएगा।

    यह भी पढ़ें… छूट गई थी बस, घर छोड़ने के बहाने ले जाकर छात्रा से दुष्कर्म, एसपी पहुंचीं

    हीना 4 माह तक दर्द से कराहती रही, लेकिन जिला अस्पताल या ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर से उसे कोई मदद नहीं मिली बल्कि उसकी उपेक्षा की गई। इसके बाद हीना ने नागपुर के रहाटे सर्जिकल हॉस्पिटल में दिखाया और 12 अप्रैल 2016 को वहां पर ऑपरेशन किया गया और पेट से कपड़ा निकाला गया। डॉ. रहाटे ने यह भी बताया कि अगर तीन-चार दिन में ऑपरेशन कर कपड़ा नहीं निकाला जाता तो महिला की जान भी जा सकती थी।

    यह भी पढ़ें… शराब पीकर कंट्रोल रूम में की भृत्य ने अभद्रता, कलेक्टर ने किया निलंबित

    हीना गरीब परिवार से थी और इलाज में उसका काफी खर्च हो गया था। इसको लेकर जिला उपभोक्ता आयोग में क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन लगाया था। इसमें पांच लाख रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की गई थी। जिला उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग बैतूल के अध्यक्ष विपिन बिहारी शुक्ला और सदस्य अजय श्रीवास्तव ने मामले की सुनवाई के बाद आदेश किया कि जिला चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय बैतूल और मध्य प्रदेश शासन पीड़ित महिला को क्षतिपूर्ति के रूप में एक लाख पचास हजार रुपये दिलाए और ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक के वेतन से यह राशि वसूल करें।

    यह भी पढ़ें… नाबालिग को भगा कर की थी शादी, अब 10 साल की काटना होगा जेल

    इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एके तिवारी ने स्वास्थ्य आयुक्त संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि मरीज हीना फजलानी का सिजेरियन ऑपरेशन 29/12 /2015 को शासकीय चिकित्सालय में संधारित रिकॉर्ड अनुसार डॉ. रजनी शेंडे चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया गया था, जो कि तबादले के उपरांत वर्तमान में बालाघाट जिले में पदस्थ हैं। जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा पारित आदेश के अनुसार परिवादी हिना फजलानी को डॉ रजनी शेंडे चिकित्सा अधिकारी के वेतन से वसूल कर समय सीमा दिनांक 31 दिसंबर 2021 के पूर्व दिलाए जाने का आदेश किया गया है। इस पत्र को लेकर सीएमएचओ डॉ. एके तिवारी स्वयं कमिश्नर के समक्ष उपस्थित हुए और उन्हें पूरी स्थिति से अवगत करा कर जल्द ही आदेश करने का आग्रह किया है।

    यह भी पढ़ें… बेमिसाल: ग्रामीणों ने बगैर मोहर लगाए ही निर्विरोध चुन लिए पंच से लेकर सरपंच

    नहीं निकलता जांचों का कोई नतीजा
    जिला अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में वैसे तो लापरवाही की कई शिकायतें होती हैं और गम्भीर मामलों में जांच करवाने की रस्म अदायगी भी होती है, लेकिन इन जांचों का ना तो कोई नतीजा निकलता है और ना ही किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही ही होती है। इस मामले में भी यदि पीड़िता और उसका परिवार केवल विभाग के भरोसे बैठे रहते तो उनको कोई राहत नहीं मिल पाती।

    यह भी पढ़ें… बैतूल में पुलिस ने लगाए पुलिस के खिलाफ नारे, छोड़ी आंसू गैस, बरसाई लाठियां

  • Related Articles

    Back to top button

    Adblock Detected

    Please consider supporting us by disabling your ad blocker