Ramayan Express : जंगल में स्थित छोटे से स्टेशन पर साढ़े चार घंटे खड़ी रही वीआईपी ट्रेन रामायण एक्सप्रेस

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बैतूल। रामायण एक्सप्रेस (Ramayan Express) पर्यटन ट्रेन के गुरुवार को इटारसी जंक्शन (Itarsi Junction) के पास जंगल में छोटे से स्टेशन कीरतगढ़ पर साढ़े चार घंटे खड़ी रहने का मामला सामने आया है। नागपुर रेल मंडल ने इस ट्रेन को निर्धारित समय से पहले रवाना कर दिया था। तय समय के अनुसार ट्रेन को गुरुवार शाम को पांच बजे इटारसी और 7 बजे भोपाल पहुंचना था।

बताया जाता है कि यह ट्रेन नागपुर से चलकर साढ़े चार घंटे पहले ही दोपहर करीब 12 बजे इटारसी आउटर कीरतगढ़-ताकू में आ गई थी। बैतूल स्टेशन से यह ट्रेन 10.26 बजे चलाई गई थी। इटारसी स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर साढ़े चार घंटे तक ट्रेन को खड़ी रखना संभव नहीं था। इसे देखते हुए रामायण एक्सप्रेस को करीब साढ़े चार घंटे जंगल के एक छोटे स्टेशन कीरतगढ़ पर खड़ा कर दिया गया। शाम 5.08 बजे पर ट्रेन को इटारसी के प्लेटफॉर्म दो पर लिया गया। यहां से 5.24 मिनट पर ट्रेन को रवाना किया गया। इस ट्रेन में करीब 156 यात्री हैं। यह ट्रेन दिल्ली, जबलपुर, इटारसी होकर पिछले दिनों दक्षिण भारत के पर्यटन स्थलों के लिए गई थी।

मामूली नहीं वीआईपी ट्रेन है यह

बताया जाता है कि यह कोई मामूली ट्रेन नहीं बल्कि वीआईपी ट्रेन (vip train) है। इसकी निगरानी सीधे रेलवे बोर्ड (Railway Board) और केंद्र सरकार (Central government) द्वारा की जा रही है। यही वजह है कि ट्रेन का पूरा प्लान पहले से तय था। इसके बावजूद ट्रेन को नागपुर से पहले चला दिया गया। ट्रेन में नागपुर से यातायात निरीक्षक रेलवे भी साथ आए थे। उधर इटारसी के रेलवे अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास इस ट्रेन को खड़ी करने की गुंजाइश नहीं थी, इसी वजह से इसे आउटर पर खड़ा करना पड़ा।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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